Maurti eVitara : मारुति की ई-विटारा लॉन्च से पहले ही बवाल! चीन की चाल ने प्रोडक्शन पर लगाया ब्रेक?

Maurti eVitara : भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक SUV, Maruti Suzuki e-Vitara, को बाजार में उतारने की तैयारियों में जुटी है। गुजरात के अपने अत्याधुनिक प्लांट में तैयार हो रही इस इलेक्ट्रिक गाड़ी का इंतज़ार न सिर्फ भारतीय ग्राहकों को है, बल्कि यह जापान और यूरोप जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
हालांकि, कंपनी को इस महत्वाकांक्षी परियोजना में कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर पर, रेयर अर्थ मिनरल्स की आपूर्ति में आ रही रुकावटें Maruti Suzuki e-Vitara के प्रोडक्शन को प्रभावित कर रही हैं।
चीन की नीतियों से सप्लाई चेन में रुकावट
चीन ने हाल ही में कुछ रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर सख्त पाबंदी लगा दी है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। ये मिनरल्स इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले मैग्नेट और अन्य महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स के लिए जरूरी हैं।
इस कारण Maruti Suzuki e-Vitara के प्रोडक्शन में शुरुआती लक्ष्य को काफी हद तक संशोधित करना पड़ा है। कंपनी ने पहले 26,512 यूनिट्स का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे घटाकर लगभग 8,221 यूनिट्स कर दिया गया है। ये यूनिट्स अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच तैयार की जाएंगी।
प्रोडक्शन में बदलाव और भविष्य की योजनाएँ
हालांकि शुरुआती दौर में प्रोडक्शन की रफ्तार धीमी रहेगी, लेकिन मारुति सुजुकी ने सितंबर 2025 के बाद उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक हर दिन 440 यूनिट्स का उत्पादन हो, जिससे कुल 67,000 यूनिट्स का आंकड़ा छुआ जा सके। इनमें से 58,728 यूनिट्स का उत्पादन अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 के बीच किया जाएगा। यह बढ़ोतरी गुजरात प्लांट की क्षमता और सप्लाई चेन में सुधार पर निर्भर करेगी।
वैश्विक बाजार में भारत की भूमिका
Maruti Suzuki e-Vitara का उत्पादन सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है। गुजरात का प्लांट जापान और यूरोप जैसे बड़े बाजारों के लिए निर्यात हब के तौर पर भी काम करेगा। इसके साथ ही, Maruti Suzuki e-Vitara के बाद टोयोटा का अर्बन क्रूजर ईवी भी इसी प्लांट में तैयार होगा। दोनों गाड़ियाँ भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भारत की मैन्युफैक्चरिंग ताकत को प्रदर्शित करेंगी।