PNB ने कर दिया बड़ा ऐलान, अब इतने कम ब्याज पर मिलेगा लोन

पंजाब नेशनल बैंक ने 10 अप्रैल 2025 से एफडी ब्याज दरों में कटौती की है। नई दरें 3.50% से 7.60% तक हैं, जो 3 करोड़ तक की एफडी पर लागू होंगी। निवेशकों को अब कम रिटर्न मिलेगा। म्यूचुअल फंड्स और पोस्ट ऑफिस स्कीम जैसे विकल्पों पर विचार करें। अपने निवेश की समीक्षा करें और विशेषज्ञ से सलाह लें।
PNB ने कर दिया बड़ा ऐलान, अब इतने कम ब्याज पर मिलेगा लोन

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में अपने ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। बैंक ने 10 अप्रैल 2025 से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है, जो 3 करोड़ रुपये तक की जमा राशि पर लागू होगी। यह बदलाव उन निवेशकों के लिए खासा महत्वपूर्ण है, जो अपनी बचत को सुरक्षित और स्थिर रिटर्न के लिए एफडी में निवेश करते हैं। आइए, इस लेख में हम आपको पीएनबी की नई ब्याज दरों, इसके प्रभाव और निवेश के अन्य विकल्पों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

नई ब्याज दरें: कितना मिलेगा रिटर्न?

पीएनबी ने विभिन्न अवधियों के लिए नई ब्याज दरें तय की हैं, जो सामान्य ग्राहकों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग-अलग हैं। सामान्य ग्राहकों को अब 3.50% से 7.10% तक की ब्याज दर मिलेगी, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 4.00% से 7.60% तक होगी। ये दरें छोटी अवधि (7 दिन) से लेकर लंबी अवधि (299 दिन) तक की एफडी पर लागू होंगी। 

उदाहरण के तौर पर, 7 से 45 दिनों की एफडी पर सामान्य ग्राहकों को 3.50% और वरिष्ठ नागरिकों को 4.00% ब्याज मिलेगा। वहीं, 180 से 270 दिनों की अवधि के लिए सामान्य ग्राहकों को 6.25% और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75% ब्याज दिया जाएगा। यह बदलाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के रेपो रेट में हाल के समायोजन के बाद देखने को मिला है, जिसका असर पूरे बैंकिंग सेक्टर पर पड़ा है।

ब्याज दरों में कटौती का कारण

ब्याज दरों में इस कटौती का मुख्य उद्देश्य बाजार में तरलता (लिक्विडिटी) को नियंत्रित करना है। आरबीआई की मौद्रिक नीति के तहत रेपो रेट में बदलाव के बाद बैंकों ने अपनी नीतियों में समायोजन शुरू किया है। पीएनबी का यह कदम भी इसी दिशा में देखा जा सकता है। हालांकि, यह कटौती उन निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जो एफडी को अपने आय का प्रमुख स्रोत मानते हैं।

निवेशकों पर क्या होगा असर?

एफडी को हमेशा से सुरक्षित निवेश का पर्याय माना जाता रहा है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और रूढ़िगत निवेशकों के बीच। लेकिन ब्याज दरों में कमी के बाद रिटर्न में कमी आ सकती है, जिससे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने की जरूरत होगी। वरिष्ठ नागरिकों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, क्योंकि उनकी ब्याज दरें सामान्य ग्राहकों से अधिक हैं। फिर भी, जिन लोगों ने लंबी अवधि की एफडी में निवेश किया है, उन्हें अब कम रिटर्न के लिए तैयार रहना होगा।

निवेश के अन्य विकल्प क्या हैं?

अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश की योजना बना रहे हैं, तो एफडी के अलावा कई अन्य विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स, सरकारी बॉन्ड, और पोस्ट ऑफिस बचत योजनाएं जैसे विकल्प बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। हालांकि, इनमें जोखिम का स्तर अलग-अलग होता है, इसलिए निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से चर्चा करना जरूरी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि विविधता (डायवर्सिफिकेशन) ही निवेश की कुंजी है। अगर आप जोखिम लेने को तैयार हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या स्मॉल-कैप फंड्स में निवेश पर विचार कर सकते हैं। वहीं, जो लोग सुरक्षा चाहते हैं, उनके लिए पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना या किसान विकास पत्र जैसे विकल्प उपयुक्त हो सकते हैं।

निवेशकों के लिए सलाह

ब्याज दरों में कमी के बाद निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशक्ति के आधार पर निवेश रणनीति बनानी चाहिए। अगर आप पहले से पीएनबी की एफडी में निवेशित हैं, तो अपनी मौजूदा दरों की तुलना नई दरों से करें। नए निवेश के लिए, अन्य बैंकों की एफडी दरों की तुलना करना भी फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, टैक्स बचत योजनाओं और सरकारी स्कीम्स पर भी नजर रखें, जो कर लाभ के साथ बेहतर रिटर्न दे सकती हैं।

Share this story