Haryana News : 25वीं जूनियर नेशनल वुशु में भिवानी के बेटे ने मचाया धमाका, घर में जश्न का माहौल

Haryana News : हरियाणा की खेल नगरी भिवानी ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। भिवानी के होनहार बेटे युवराज बामनिया ने 25वीं जूनियर नेशनल वुशु चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ा दी। जैसे ही प्रतियोगिता के परिणाम सामने आए, युवराज के घर बधाई देने वालों का मेला लग गया। परिजनों ने मिठाइयां बांटकर और आतिशबाजी के साथ इस जीत का जश्न मनाया, मानो पूरा भिवानी उत्सव में डूब गया हो।
युवराज की इस कामयाबी की कहानी मेहनत, लगन और अनुशासन की मिसाल है। उनके पिता और कोच, भारत सूरजभान, ने बताया कि तमिलनाडु के केएसआर यूनिवर्सिटी में 26 से 31 मई तक आयोजित इस राष्ट्रीय चैंपियनशिप में युवराज ने 45 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया।
कड़े मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारत सूरजभान ने गर्व के साथ कहा, “युवराज की जीत रातों-रात नहीं मिली। इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत, सुबह सूरज उगने से पहले शुरू होने वाली प्रैक्टिस और अटूट समर्पण है।”
युवराज का अनुशासन उनकी सफलता का आधार रहा है। उनके कोच ने बताया कि वह हर दिन घंटों अभ्यास करते थे और कभी भी अपने लक्ष्य से भटके नहीं। “युवराज का यह स्वर्ण पदक सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की हिम्मत रखते हैं।
यह जीत साबित करती है कि अगर इरादे पक्के हों, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं,” कोच ने भावुक होकर कहा।
युवराज ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, कोच और दोस्तों को दिया। उन्होंने कहा, “यह स्वर्ण पदक मेरी मेहनत का फल है, लेकिन यह मेरे परिवार और कोच के बिना संभव नहीं था। यह जीत पूरे भिवानी की है।” युवराज का सपना अब और भी बड़ा है।
वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करना चाहते हैं और इसके लिए वह पहले से ज्यादा मेहनत करने को तैयार हैं। उनकी इस जीत ने न केवल भिवानी, बल्कि पूरे हरियाणा को गर्व का एक नया मौका दिया है।